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भारत में फंसे 12 साल से कम उम्र के बच्चे, airlines ने नहीं दी यात्रा की इजाजत; अब दुबई में माता-पिता परेशान

कोरोना वायरस के कहर से बचने के लिए लगे लॉकडाउन के कारण कई लाख भारतीय नागरिक दूसरे देशों फंस गए है। वहीं लॉकडाउन की वजह से कई दूसरे देशों के लोग भी भारत में फंसे हुए है। यूनाइटेड अरब अमीरात में रहने वाले एक कपल की 12 साल से कम उम्र की बेटी कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के कारण भारत में ही फंस कर रह गई है।

बताया जा रहा हैं कि एयरलाइंस ने उसे फ्लाइट से अकेले ट्रेवल करने इजाजत नहीं दी थी। 12 जुलाई से UAE वापस लौटने जाने वाले भारतीय लोगों को 15 दिनों का टाइम दिया गया है, और इसके साथ ही वेलिड रेसिडेंसी परमिट के अलावा कोरोना वायरस टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट होना भी बहुत ही ज्यादा जरूरी है।

खलीज टाइम्स के अनुसार, उस नाबालिक बच्ची के माता – पिता के पास वापसी का परमिट और कोरोना वायरस टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट भी है, इसके बाद भी उनको ट्रेवल करने की इजाजत नहीं दी जा रही हैं। एयरलाइंस के प्रोटोकॉल्स के अनुसार, वो नाबालिक बच्चों को अकेले ट्रेवल करने इजाजत नहीं देता है। UAE के सबसे अमीर शहर दुबई में रहने वाली पूनम सप्रे ने कहा कि “मेरी बेटी पिछले तीन महीने से भारत में फंसी हुई है। हमारे पास उसके लिए GDRFA की भी इजाजत है। लेकिन उसकी उम्र 12 साल से कम होने की वजह से एयरलाइंस कंपनियां उनको ट्रेवल करने की इजाजत नही दे रहे है।”

भारत में फंसे 12 साल से कम उम्र के बच्चे, airlines ने नहीं दी यात्रा की इजाजत; अब दुबई में माता-पिता परेशान

बता दें कि पूनम ने आगे बताया कि ” मेरी बेटी इवा सप्रे 10 साल की है और अपने मम्मी – पापा से फिर से मिलने के लिए बड़ी ही बेसब्री से इंतजार कर रही है। वो मुझसे बार बार अपनी वापसी के बारे में पूछती है, और मैं उसका जवाब नहीं दे पाती ये मेरे लिए बहुत ही निराशा जनक होगी। ”

वहीं दूसरी तरफ एक और दंपति, जिसकी बेटी आठ वर्ष की है। वह केरल में फंसी है। एयरलाइन की नीतियों की वजह से वह वापस अपने माता-पिता के पास जाने में असमर्थ है। बता दें, एयरलाइन नीतियों के कारण कई लोगों को अपने बच्चों को वापस ले जाने के उद्देश्य से खुद यात्रा करनी पड़ रही है। एक महिला ने बताया कि उन्होंने 10 साल की अपनी जुडवां बेटियों को वापस लाने के लिए सोमवार सुबह दुबई से उड़ान भरी थी। उन्होंने कहा कि मेरे पास मौजूदा समय में कोई विकल्प नहीं था।