महाराष्ट्र के पुणे में स्थित फेमस सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में एक हा’द’सा हो गया है। दरअसल सीरम इंस्टीट्यूट के नए प्लांट में भी’ष’ण आ’ग लग गई है। प्लांट में लगी इस भी’ष’ण आ’ग की वजह अभी तक साफ तौर पर सामने नही आई है। फिलहाल फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट की 15 गाड़ियां इंस्टीट्यूट के नए प्लांट में लगी इस भी’षण आ’ग को बुझाने में लगे हुए हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि भारत में वैक्सिनेशन आभियान के लिए कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड पुणे का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ही बना रहा है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड की आपूर्ति की जा रही है।
Maharashtra: Fire fighting operation underway at the under-construction building at Serum Institute of India in Pune, where a fire broke out this afternoon. At least 10 fire tenders present at the spot.
Vaccines and the vaccine manufacturing plant are safe. pic.twitter.com/8CJKcGoWCc
— ANI (@ANI) January 21, 2021
खबरों से मिली जानकारी के अनुसार ये भी’ष’ण आ’ग पुणे के मंजरी में मौजूद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के नए प्लांट में लगी है। सीरम इंस्टीट्यूट के इस नए प्लान का उद्घाटन पिछले साल ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने किया था, हालांकि अभी तक इस नए प्लांट में कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड का प्रोडक्शन शुरू नहीं किया गया था। सीरम इंस्टीट्यूट में लगी इस आ’ग को कंट्रोल करने गई फा’यर ब्रि’गेड की टीम लगातार अपनी कोशिश कर रही है कि आ’ग को कम नु’कसान के साथ काबू किया जा सके।
वहीं फा’यर ऑफिसर के बताए अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के इस नए प्लांट में आ’ग के बीच चार लोग फंसे हुए थे, जिसमे से तीन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल कर बचा लिया गया है। वहीं सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला ने कहा कि इस समय हमारा सारा फोकस प्लांट में फं’से हुए लोगों को बाहर निकालने पर है।
जानकारी के जान लीजिए कि इस समय भारत के लिए कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड का प्रोडक्शन का काम सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पुराने प्लांट में किया जा रहा है। जो कि नए प्लांट से लगभग एक से दो किलो मीटर मोजूद है। सीरम इंस्टीट्यूट के पुराने प्लांट का निर्माण साल 1996 में किया गया था।
सीरम इंस्टीट्यूट का ये प्लांट कोरोना वैक्सीन कोविशिल्ड का प्रोडक्शन बड़े पैमाने पर करने की तैयारी कर रही है, जिसमे उसका साथ पहले नए प्लांट भी देने वाला था। जो इस समय भी’ष’ण आ’ग की चपेट में लिप्त है।