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7 साल बाद कुवैत की जेल से आजाद हुआ रहमान, बिहार लौटने पर घर के लोगों को सुनाई आपबीती

बिहार के बक्सर जिले से ताल्लुक रखने वाले रहमान दरजी 7 साल बाद वापस बीते मंगलवार को अपने देश लौटने में कामयाब हुए हैं।

मंगलवार की सुबह वेबेतिया के रहने वाले अपने एक साथी के साथ अपने घर पहुंचे तो उनके परिजनों को उनकी वापसी पर यकीन नहीं हुआ। रहमान के घर वापस आने पर पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है।

विदेश मंत्रालय की पहल पर लौटा वतन

कुवैत

तकरीबन 7 साल पहले रहमान दरजी को कुवैत में गिरफ्तार करके जेल में बंद कर दिया गया था। ह’त्या के प्रयास में उनका नाम शामिल था। इसकी जानकारी होने के बाद उनके परिजन भारत सरकार से उनकी वतन वापसी के लिए गुहार लगा रहे थे। जिसे कई न्यूज़ चैनलों ने भी प्रमुखता के साथ दिखाया था।

रहमान के केस पर केंद्र सरकार के अधीन विदेश मंत्रालय की पैरवी पर बीती 8 जनवरी को उसे कुवैत की जेल से रिहाई मिल गई है। कुवैत की जेल से निकलने के बाद बेतिया के अपने साथी के साथ रहमान अपने घर वापस लौट आया है।

भेजा था किसी और काम से करने को मिला कोई और काम

कुवैत की जेल में बंद रहमान जिस युवक के साथ अपने वतन वापस लौट के आया है। उस युवक का नाम गौरी शंकर है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि गौरीशंकर भी रहमान के साथ उसी जेल में बंद था।

इन दोनों ने जब परिजनों को विदेशी जेलों की दास्तां सुनाई तो लोगों की आंखें डबडबा गई। रहमान ने परिजनों को बताया कि उसे सब्जी बेचने और मजदूरी करने के लिए कुवैत भेजा गया था मगर वहां पर उसे बता और कबूतर की गंदगी साफ करनी पड़ रही थी।

जेल में बिगड़ गया था रहमान का मानसिक संतुलन

7 साल बाद कुवैत की जेल से आजाद हुआ रहमान, बिहार लौटने पर घर के लोगों को सुनाई आपबीतीविदेश की जेल से 8 जनवरी को रिहा हुए रहमान और गौरी शंकर मुंबई पहुंचे इसके बाद वे दोनों वहां से ट्रेन से बक्सर पहुंचे। गौरी शंकर ने जानकारी देते हुए बताया कि जेल में सजा काटने के दौरान उसका(रहमान) का मानसिक स्वास्थ्य खराब हो गया था। इसी के चलते उन्होंने रहमान को घर तक छोड़ने के बारे में सोचा।

रहमान के गांव में धूमधाम से मनेगी ईद

पिछले कई सालों से कुवैत की जेल में सजा काट के वापस लौटे भारत के रहमान के परिजनों को इस बात की काफी खुशी है कि रहमान जिंदा वापस लौट आया है। रहमान की पत्नी ने एक न्यूज़ चैनल को धन्यवाद करते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया है।

मगर उन्हें अब अपने पति की मानसिक स्वास्थ्य की पीड़ा भी सताने लगी है। इसके लिए उन्होंने सरकार से रहमान दर्जी की इलाज के लिए आर्थिक मदद की मांग की है। रहमान की घर वापसी के बाद पूरे गांव में खुशी का माहौल है। रहमान के गांव के एक सदस्य इकरार अहमद कहते हैं अब तो पूरे गांव में धूमधाम से ईद और होली का त्यौहार मनाया जाएगा।