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परिवार के सुनहरे भविष्य के लिए अबूधाबी गया था भारतीय कामगार, लेकिन अब बंद बक्से में आया वापिस

हमेशा सुनने में आता हैं कि कोई शख्स अपने परिवार के सुनहरे भविष्य के लिए अपना देश और परिवार छोड़कर दूसरे देश में काम करने गया है। लेकिन दिल तो तब टूटता हैं जब ये सुनाई देता हैं कि परिवार का भविष्य बनाने के लिए गया आदमी अब इस दुनिया में नहीं रहा।

ऐसी एक दुख की खबर नानक तहसील से आई है, जब एक 22 साल के भारतीय कामगार की मौ’त की खबर सामने आई,  हालांकि दुबई के सिक्ख सरकार बिजनेस मैन और चैरिबल ट्रस्ट के को-फाउडर डॉ. ऐस्स पी सिंह ओबराए के कोशिश से 22 साल के उस नौजवान लड़के का श’व आबू धाबी से उसके गांव जद्दी पहुंचा है। अपने और अपने परिवार के बेहतर भविष्य के लिए uae के अबु धाबी शहर में गए डेरा बाबा नानक तहसील के रहने वाले 22 साल के प्रभदीप सिंह 17 अप्रैल को नि’धन हो गया था।

परिवार के सुनहरे भविष्य के लिए अबूधाबी गया था भारतीय कामगार, लेकिन अब बंद बक्से में आया वापिस

बेटे की मौत के गम में डूबा परिवार अब बस अपने घर के लाल को आखिरी बार देखना चाहते थे। गुरनाम सिंह की मौ’त के बाद उनका परिवार अपने बेटे के श’व की मांग कर रहा है। अबु धाबी में मरे अपने बेटे की ला’श पाने के लिए परिवार ने कई अलग अलग स्थानों पर मदद की गुहार लगाई थी। लेकिन हमेशा की तरह इस बार भी उनकी किसी ने मदद नहीं की।

एक हफ्ते पहले मरने वाले व्यक्ति के परिवार के सदस्य कश्मीर सिंह, गुरनाम सिंह और सिंकन्दर सिंह ने जब ये केस हरेक का भला ट्रस्ट जिला गुरदासपुर के प्रधान रवीन्द्र सिंह मठारू के ध्यान में लाया। इसके बाद उन्होंने तुरंत डॉ. ऐस्स, पी सिंह ओबराए के साथ इस समस्या को लेकर बात की। वहीं प्रधान ने उन्हें गरीब परिवार के बेटे की मौ’तऔर उसके श’व के लिए त’ड़प रहे उसके परिवार की परेशानी बताई और उनसे अपील की कि वो उस बच्चे के श’व को अबु धाबी से यहां लाने में उनकी मदद करें। मालला सुनने के बाद हरेक भला ट्रस्ट के सीनियर डॉ. ऐस्स, पी सिंह ओबराए ने श’व को वहां से लाने के सारे प्रोसस को पूरा करते हुए अबू धाबी से नौजवान युवक का श’व गांव में पहुंचवाया।