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विदेश से नौकरी छोड़कर लौटे गांव, शुरू की फिश फार्मिंग, अब कमाई जानकर चौं’क जाएंगे आप

इस बार के बिहार के विधान सभा चुनाव में सबसे बड़ा सवाल बन चुका ‘बिहार में का बा?’ एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। बता दें कि आज इस सवाल का जवाब न्यूजीलैंड से वापस आए बिहार के एक युवक ने दिया है। जिन्होंने अपनी मात्रभूमि से कमाई करके सभी को हैरान कर रख दिया है।

बिहार में अपने एक छोटे से गांव में रह कर ही लाखों रुपए हर महीने कमा रहे है। ये वो शख्स है जो कभी न्यूजीलैंड में अच्छी खासी नौकरी किया करते थे, लेकिन उन्होंने न्यूजीलैंड में अपनी नौकरी छोड़ कर गांव में भी अपनी कमाई का रास्ता बनाया, जिसके जरिए वो आज कम से कम 30 लाख रुपए हर महीने लगातार कमा रहे है।

हम बात कर रहे बिहार के सासाराम जिले के सोनबरसा गांव के रहने वाले अर्नव वत्स की। बात दरअसल ये है कि दी लल्लनटॉप की इलेक्शन रिपोर्टिंग टीम अपनी चुनाव यात्रा के दौरान अर्नव वत्स से मिली। जो इन दिनों अपने गांव में फिश फार्मिंग कर रहे है और उसी फार्मिंग से अब लाखों रुपए हर महीने ही कमा रहे है।

अर्नव वत्स का ये कहना है कि वो अपने इस काम से पूरी तरह से संतुष्ट है, उनका मानना है कि बिहार ने उन्हें ये मौका दिया है कि वो अपना खुद का काम शुरू करें। बता दें कि अर्नव की पढ़ाई से लेकर उनके सेल्फ इप्लोइड तक कहानी बहुत ही रोमांचक है।

बनारस से अपने सीनियर सेकेंडरी स्कूल की पढ़ाई करने वाले अर्नव ने स्कूल के बाद से VIT वेल्लोर से B-TECH में ग्रेजुएशन की, जिसके बाद नौकरी करने लगे, लेकिन फिर उन्हें लगा वो ये जॉब करते हुए अपनी धरती और बिहार से दूर होते जा रहे हैं।

मन ना लगने के बाद फिर उन्होंने एक दिन सब कुछ अचानक छोड़ दिया। उनके इस फैसले से हर कोई हैरान था लेकिन किसी ने कुछ कहा नहीं, फिर उन्होंने अपने परिवार के राइस मिल में भी कुछ दिन तक काम किया। लेकिन फिर उसे भी उन्होंने छोड़ दिया और B-TECH में मास्ट्री की, जिसके लिए उन्होंने न्यूजीलैंड का रुख किया।

विदेश से नौकरी छोड़कर लौटे गांव, शुरू की फिश फार्मिंग, अब कमाई जानकर चौं'क जाएंगे आप

 

वहां भी ऑकलैंड जैसे शहर में उनका मन नहीं लगा, जिसकी वजह से वो पढ़ाई करने के बाद से वापस बिहार आ गए। अपनी पढ़ाई के दौरान ही वो पार्ट टाइम जॉब भी करते थे। जिससे वो 1 लाख रूपए तक हर महीने बचा लेते थे। गांव वापस आने के बाद उन्होंने यहां पर पोल्ट्री बायलर फार्म शुरू करने प्लान किया गया था। वहीं इसी बीच उनकी मुलाताक फिशरीज डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर के कॉन्टेक्ट में आए, जिसके कहने पर उन्होंने फिश फार्मिंग के लिए साल 2018 में अर्नव तालाब खुदवा कर पहला फिश कल्चर किया जो काफी सक्सेसफुल हो गए है।

दो साल में अर्नव के कुल तलाबों की संख्या 1 से बढ़ कर 14 हो गई थी। इन तलाबों में मछली पालन होता है। हाल ही में उन्होंने एक बायो फ्लॉक प्लांट भी शुरू किया है।

जहां पर मछलियों के अवशिष्ट से ही उनके लिए खाना बनाया जाता है। अर्वन कहा हैं कि शुरू में उन्हें इस बिजनेस में 12 से 13 लाख की लागत लगानी पड़ी थी। इस समय काम बढ़ गया है तो हर साल 15 से 16 लाख खर्च कर वह 30 लाख रुपए कमा लेते है। इसके साथ ही उन्होंने इस फार्मिंग के जरिए ही अपने आस पास के गांव के कम से कम 10 लोगों को रोजगार भी दे रखा है, इस साल में मछलियों की 3 पैदावार आसानी से निलक जाती है। इसकी साथ ही अर्नव ने ये भी बतायां है कि CM के रूप में नीतिश कुमार ने अब तक बिहार में सड़क और बिजली के 95 % जरूरत पूरी हो गई है।