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दुबई से सोना खरीदकर भारत क्यों लाते हैं लोग? जानिए वजह और क्या है कस्टम ड्यूटी के नियम

भारत में सोने की तस्करी करने के कई सारे मामले सामने आ चुके हैं आए दिन भारत के एअरपोर्ट पर कई लोग ज्यादा मात्रा में सोना लाने के जुर्म में पकडे जाते हैं। दरअसल, सोना (Gold) दुनिया की सबसे कीमती धातु है क्योंकि गोल्ड एक ऐसा इन्वेस्टमेंट है जो कि मुनाफा ही देगा इसी वजह से लोग सोना की तस्करी करते हैं और सोने की तस्करी करने के सबसे ज्यादा मामले दुबई के होते हैं।

वहीं इस बीच इस पोस्ट के जरिए हम आपको इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं कि लोग दुबई से ही क्यों सोने की तस्करी करते हैं।

दुबई से गोल्ड लाने की ये है वजह

Dubai Gold Rate Today

दुबई से सोना (Gold) की स्मगलिंग करके भारत लाने की किसी की सबसे बड़ी वजह रेट है। दुबई में गोल्ड की खरीदारी करते हैं तो यहां पर आपको सोना सस्ता मिलता है जबकि भारत में सोने का रेट इससे कहीं अधिक है। जिसकी वजह से लोग सोने की तस्करी करते हैं।

दुबई में मिलता है शुद्ध सोना

दुबई से सोना खरीदकर भारत क्यों लाते हैं लोग? जानिए वजह और क्या है कस्टम ड्यूटी के नियम

दुबई के सोने पूरी दुनिया में सबसे शुद्ध सोना माना जाता है। इसका अर्थ यह हुआ कि अगर कोई व्यक्ति दुबई में 22 कैरेट का गोल्ड खरीदना है तो उसे भारत में 24 कैरेट के हिसाब से सेल कर सकता है। और अच्छी बचत भी हो सकती हो।

पैसों के लालच में करते  हैं सोना (Gold) की तस्करी

दुबई से सोना खरीदकर भारत क्यों लाते हैं लोग? जानिए वजह और क्या है कस्टम ड्यूटी के नियम

जयपुर एयरपोर्ट पर सहायक आयुक्त भारत भूषण पटेल के अनुसार दुबई और नार्थ ईस्ट के देशों में सोने की तस्करी के ज्यादातर मामलों कामगार द्वारा किये जाते हैं। यह कामगार खाड़ी देशों में काम करने के लिए जाते हैं और जब वापस आते हैं तो तस्कर के चक्कर में आकर सोना अपने साथ छुपाकर भारत ले आते हैं और एअरपोर्ट पर पकडे जाते हैं।

कस्टम विभाग के नियमों के मुताबिक ऐसे ला सकते हैं दुबई से सोना (Gold)

दुबई से सोना खरीदकर भारत क्यों लाते हैं लोग? जानिए वजह और क्या है कस्टम ड्यूटी के नियम

दुबई से भारत सोना लाने की कस्टम विभाग द्वारा बनाए गए नियम का पालन करना होगा साथ ही यात्री को एक डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा और नियम के मुताबिक निर्धारित किए गए कस्टम ड्यूटी चुकाकर एक किलोग्राम तक सोना अपने साथ ला सकते हैं। कस्टम ड्यूटी की गणना यात्री के विदेश में बिताए समय और सोने की मात्रा आदि के आधार पर तय होती है।