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भारत और UAE के बीच हुआ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, जानें क्या होगा इसका फायदा

भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच शुक्रवार, 18 फरवरी को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) समझौता हुआ। इंडिया और यूएई ने शुक्रवार को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए। यूएई और भारत दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए शानदार पहल की है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री (भारत सरकार) पीयूष गोयल और संयुक्त अरब अमीरात के वित्त मंत्री अब्दुल्लाह बिन तुक अल मारी ने कंप्रिहेंसिव इकोनामिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (CEPA) पर हस्ताक्षर किए। वर्चुअल कांफ्रेंस के दौरान इस ट्रेड एग्रीमेंट पर दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किया। इस सम्मेलन की खास बात यह रही कि इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबूधाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान ने भी शिरकत की।

समझौते के बाद पीयूष गोयल ने कई महत्वपूर्ण बात

इस खास समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि यह कंप्रिहेंसिव और बैलेंस ट्रेड एग्रीमेंट है। उन्होंने कहा,“इससे दोनों पक्षों के लिए कारोबार के बड़े अवसर पैदा होंगे। एग्रीमेंट से हमारे द्विपक्षीय कारोबार को दोगुना करने में मदद मिलेगी।”

UAE और INDIA का व्यापार

एक आधिकारिक प्रेस रिलीज के हवाले से कहा गया कि भारत के और संयुक्त अरब अमीरात के व्यापारियों को इससे बड़ा फायदा मिलेगा। रिलीज में यह भी कहा गया कि इस समझौते से मार्केट एक्सेस को बढ़ाने और टैरिफ कम करने में भी फायदा मिलेगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि CEPA से आगामी 5 वर्षों में दोनों देशों के मध्य कारोबार 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। हालांकि दोनों देशों के बीच अब तक का कारोबार 60 बिलियन डालर पर है।

बीते साल हुई थी पहल

यूएई

साल 2021 के सितंबर माह में इंडिया और यूएई के मध्य ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बातचीत की शुरुआत हुई थी। इस समझौते में गुड्स, सर्विसेज, रूल्स आफ ओरिजन, सरकारी खरीद, कस्टम से जुड़े रूल्स, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी से जुड़े अधिकार और ई-कॉमर्स भी हैं।

आपको बता दें कि इस प्रकार के एग्रीमेंट के अंतर्गत दोनो ट्रेडिंग पार्टनर दोनों देशों के मध्य जिन वस्तुओं का व्यापार होता है,उनमें से ज्यादातर पर कस्टम ड्यूटी हटा देते हैं या फिर घटा देते हैं। इसके अतिरिक्त वे सर्विसेज सेक्टर में होने वाले व्यापार से जुड़े रूल्स को सरल बनाया जाता है और जिससे निवेश को बढ़ावा मिलता है।

पहले के कुछ सालों में ऐसा रहा था कारोबार

गौरतलब है वित्तीय वर्ष 2020- 21 के दौरान भारत और संयुक्त अरब अमीरात के मध्य द्विपक्षीय कारोबार 43.3 बिलियन डालर पर था। उस दौरान 16.7 billion-dollar का निर्यात और 26.7 बिलियन डॉलर का आयात हुआ था। दोनों देशों के मध्य साल 2019-20 में बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ था।