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कोरोना कहर के दौरान भारत आए 1 मिलियन प्रवासी वापस लौट चुके हैं UAE

कोरोना कहर के बीच UAE से कई लाख प्रवासियों ने वापस स्वदेश लौट गये थे। वहीं UAE से भारतीय प्रवासी भी अपने देश लौटे थे, हालांकि  इस बीच अब भारत लौटे 1 मिलियन भारतीयों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है।

जानकारी के अनुसार, वन्दे भारत मिशन के जरिये 7 मई 2020 से संयुक्त अरब अमीरात से भारत लौटे 1.3 मिलियन   भारतीय (एनआरआई) ने संयुक्त अरब अमीरात से भारत के लिए उड़ान भरी थी। वहीं अब खबर है कि इनमें से 1.15 मिलियन एनआरआई वापस अमीरात में अपने काम पर लौट चुके हैं इस बात की जानकारी वी. मुरलीधरन ने दी है।

गुरुवार को दुबई में पीबीएसके ऐप लॉन्च के दौरान भारत के विदेश राज्य मंत्री और संसदीय मामलों के मंत्री के वी.मुरलीधरन ने जानकारी दौते हुए कहा है।  कोरोना कहर के कारण भारत लौटे लाखों प्रवासियों में से “कुछ 150,000 हैं जो अभी भी यूएई में वापस नहीं आए हैं। वहीं मंत्री ने कहा कि वह कुछ अनिवासी भारतीयों के यूएई लौटने के लंबित आईसीए अनुमोदन के मुद्दे से अवगत हैं। इसी के साथ मंत्री ने कहा, “हम समझते हैं कि कुछ अनिवासी भारतीय अभी भी आईसीए की मंजूरी के लिए लंबित हैं। हमने इस मुद्दे को उठाया है और अधिकारी इस पर गौर करेंगे।”

कोरोना कहर के दौरान भारत आए 1 मिलियन प्रवासी वापस लौट चुके हैं UAE

वहीं उन्हीं ये भी कहा कि कोविड -19 महामारी ने व्यवसायों पर गंभीर आर्थिक परिवर्तन को मजबूर किया है और कई लोगों को निरर्थक बना दिया है। इनमें से सबसे हिट ब्लू-कॉलर कार्यकर्ता हैं। चूंकि यूएई दुनिया में सबसे बड़े भारतीय प्रवासी प्रवासी का घर है, इसलिए भारत पर भी रेड्यून्डेसीज और पेमेंट का सीधा प्रभाव पड़ा है।

वी.मुरलीधरन ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने सभी संबंधित राज्यों को निर्देश दिया है कि वे उन श्रमिकों की मदद के लिए कार्यक्रम तैयार करें, जो विदेशों से लौट रहे श्रमिकों को फिर से रोजगार देने के लिए तैयार कर रहे हैं। मुरलीधरन ने कहा कि उनके कौशल के अनुसार उनके स्थान के अनुसार स्किल्ड वर्कर्स अराइवल डेटाबेस फ़ॉर एम्प्लॉयमेंट सपोर्ट (SWADES), वहीं भारत सरकार दूसरे देशों में जाने के इच्छुक श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए भी सुरक्षा उपाय कर रही है। उदाहरण के लिए, कम-कुशल श्रमिक, अब केवल अधिकृत एजेंटों के बजाय अन्य देशों में जा सकते हैं। यह जांच एजेंटों द्वारा ठगे जाने की उनकी संभावना को कम करता है।

इसी के साथ अनिवासी भारतीयों के लिए ई-वोटिंग अधिकारों पर, मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार विचार का समर्थन करती है लेकिन यह प्रक्रिया और इसके कार्यान्वयन के बारे में निर्णय लेने के लिए भारत के चुनाव आयोग पर निर्भर है।

कोरोना कहर के दौरान भारत आए 1 मिलियन प्रवासी वापस लौट चुके हैं UAE

वहीं दुबई में भारत के महावाणिज्य दूत डॉ अमन पुरी ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय नागरिकों के लिए केंद्र – प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र (पीबीएसके) – प्रति दिन औसतन 100 कॉल और 25 ई-मेल किए हैं। यह केंद्र, जिसे पिछले साल एक नवंबर को जेएलटी में अपने कार्यालय से दुबई में काउंसलेट-जनरल ऑफ इंडिया (सीजीआई) के परिसर में स्थानांतरित किया गया था, संकट में ब्लू-कॉलर श्रमिकों के लिए सहायता और मार्गदर्शन का एक प्राथमिक स्रोत रहा है।

आपको बता दें, ये सभी बयान गुरुवार को दुबई में पीबीएसके ऐप लॉन्च के दौरान भारत के विदेश राज्य मंत्री और संसदीय मामलों के मंत्री के वी मुरलीधरन ने दिए। वहीं इस ऐप का उद्देश्य केंद्र को भारतीय कामगारों के लिए और अधिक सुलभ बनाना है। यह पांच भाषाओं में उपलब्ध है: हिंदी, मलयालम, तमिल, तेलेगु और अंग्रेजी।

डॉ। पुरी ने कहा, “इस ऐप को लॉन्च करने के तीन मुख्य उद्देश्य लोगों को संपर्क की एक एकल खिड़की प्रदान करना, यूएई में भारतीय समुदाय के साथ जुड़ाव बढ़ाना और जागरूकता पैदा करना है।” ऐप यूएई से बाहर के उपयोगकर्ताओं के लिए भी सेवा में होगा, जो किसी भी नौकरी की पेशकश को सत्यापित करने में मदद करेगा जो कि अमीरात में स्थित कंपनियों से आता है। कई लोग अक्सर खाड़ी से ‘नकली’ नौकरी की पेशकश से ठगे जाते हैं। इस सेवा का उद्देश्य उपयोगकर्ता के हितों की रक्षा करना और केवल दुर्घटना से बचना है। CGI ने भारतीय ब्लू कॉलर श्रमिकों के लिए एक ‘अपस्किलिंग एंड ट्रेनिंग सेंटर’ का भी उद्घाटन किया है, जो बुनियादी अंग्रेजी, अरबी और कंप्यूटर कौशल सिखाएगा। डॉ.पुरी ने कहा, “केंद्र में अब तक 100 कार्यकर्ता पंजीकृत हैं और इसका उद्देश्य आने वाले महीनों में एक व्यापक समुदाय तक अपनी पहुंच बनाना है।