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दुबई में फंसे भारतीय घर वापस आने को बैचेन; नहीं भा रहा AC का रूम, याद आ रही है पेड़ की छांव

लॉकडाउन के दौरान दूसरे देशों में रह रहे भारतीय नागरिक वापस अपने देश लौटने के लिए परेशान और बैचेन हो रहे है। विदेशों में फंसे इन भारतीयो को अपने गांव की याद आ रही है। भारत के ज्यादातर विदेश जाने वाले नागरिक uae का रुख करते है। ऐसे एक वसीम भी हैं जो दुबई में प्लंबर का काम करते थे।

दैनिक जागरण के मुताबिक, वसीम मूल रूप से हरख ब्लॉक के मौहना गांव के रहने वाले है। कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लगे लॉकडाउन की वजह इस समय दुबई में उनका काम बंद पड़ा हुआ है। लेकिन इस दौरान भी वो दुबई के एसी कमरे में रह रहे है, लेकिन उन्हे वहां नींद नहीं आ रही है।

दुबई में फंसे भारतीय घर वापस आने को बैचेन; नहीं भा रहा AC का रूम, याद आ रही है पेड़ की छांव

एसी में लेटे हुए वसीम को अपने गांव के घर के बाहर लगे बगल पाकड़ पेड़ के छांव की याद आ रही है। जिसकी छांव क नीचे वो गर्मियों में सोते थे, अब वसीम को अपने घर की हर वो बातें याद आ रही है। जो दुबई जाने से पहले उनके जीवन में थी। इतना ही नहीं उन्हें अपने गांव के बंदरों का झुंड भी याद रहा है। लेकिन दुबई में फंसे होने के कारण वो कुछ कर भी नहीं सकते है। तो ऐसे में वो अपने परिवार वालों से वीडियो कॉलिंग के जरिए बात करके दिल को मना लेते है। वसीम और फहीम ने अपने गांव के राजेश मिश्र से फोन पर बात की और उनसे गांव वापस आने की इच्छा जाहिर की है।

इस दौरान वसीम एपनी अपनी पत्नी जमीला से भी वीडियो कॉलिंग पर बात कर रहे हैं। इसी दौरान जब वो अपनी पत्नी से बात कर रहे थे, उनसे बात हुई। जिसमें उन्होंने बताया कि दुबई में उनका हाल बहुत ही बुरा है। एसी के कमरे में रह कर भी उन्हें नींद नही आ रही हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने गांव और घर की बहुत ही याद आ रही है, और जल्द से जल्द अपने गांव आना चाहता हूं, लेकिन वापस आने के लिए काफी खर्चा लगेगा। जिसका भुगतान करने की स्थिति में वो अभी नहीं है। उनका कहना हैं कि जब तक काम से पैसा नहीं मिलता तब तक भारत आना बहुत ही मुश्किल है।