आज 31 अक्टूबर को आसमान में ब्लू मून नजर आने वाले है और ये सब 100 साल में तकरीबन 41 बार ऐसा होता है। वहीं इस बीच हम आपको इस पोस्ट के जरिये इस ब्लू मून की जानकारी देने जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, ‘ब्लू मून’ (Blue Moon) का मतलब है चांद के नीले होने जैसी नहीं है। ऐसा घटना एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा आने पर होती है। आम तौर पर महीने में एक बार ही पूर्णिमा होती है, जब चांद पूरे आकार में दिखाई देता है। लेकिन जब महीने में दो बार ऐसा हो तो उस घटना को ‘ब्लू मून’ (Blue Moon) कहा जाता है।
ऐसा बहुत ही कम होता है जब एक ही महीने में दो बार पूर्णिमा हो। इसकी वजह यह है कि अंग्रेजी का महीना जहां आम तौर पर 30 या 31 दिन का होता है और औसतन हर महीने को 30.5 दिनों में बांटा जा सकता है। वहीं चांद का महीना 29 दिन, 12 घंटे, 44 मिनट और 38 सेकंड का होता है, जिसे औसत रूप में 29।5 दिनों का कहा जा सकता है।
वहीं भारत में ये ब्लू मून रात 8 बजकर 19 मिनट पर होने जा रही है। वहीँ में ये भारत के समय के अनुसार ये ब्लू मून 1 घंटे 30 मिनट पहले नजर आएगा यानि कि 7 बजे के बाद ये ब्लू मून यहां पर नजर आएगा। इसी के साथ नॉर्थ अमेरिका (America), साउथ अमेरिका (South America), अफ्रीका, यूरोप और एशिया के अधिकांश हिस्सों में भी लोग इस ब्लू मून को देख पाएंगे।
आपको बता दें, यह घटना हमेशा तब होती है जब पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की कक्षा अण्डाकार हो जाती है। “पृथ्वी के सबसे निकट की कक्षा को पेरिगी कहा जाता है, जबकि पृथ्वी से सबसे दूर बिंदु को अपोजी के रूप में जाना जाता है।” इसलिए जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है तब एक सुपर मून होता है।