Burj Khalifa दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है और यह दुबई में स्थित है। साल 2010 में आज ही के दिन इसका उद्घाटन किया गया था। इसके बनने की शुरुआत 2004 में ही हो गई थी। इसकी खूबियां गिनाने में काफी समय यूं ही निकल जाएगा।
सबसे ऊंची इमारत Burj Khalifa का नाम कैसे पड़ा?
आपको बताते चलें कि इस को इमारत का निर्माण के समय बुर्ज दुबई के ही नाम से जाना जाता था। इस इमारत को बनाने में संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायेद अल नहयान ने आर्थिक मदद की थी।
जिसके कारण उनके प्रति सम्मान दर्शाने के लिए उद्घाटन के समय इस बिल्डिंग का नाम बदल कर बुर्ज खलीफा रख दिया गया था। इस इमारत के लिए दुबई का जल आपूर्ति विभाग प्रतिदिन लगभग औसतन 9,46,000 लीटर पानी की आपूर्ति करता है।
Burj Khalifa के नाम पर दर्ज हैं कई रिकॉर्ड
विश्व के सबसे धनी शहरों में शुमार किए जाने वाले दुबई में स्थित Burj Khalifa दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है। जिसकी ऊंचाई 829.8 मीटर है। इस बिल्डिंग की ऊंचाई के कारण ही बिल्डिंग के शीर्ष तलों पर भूतलों के मुकाबले 15 डिग्री सेल्सियस तक कम रहता है।
आपको बता दें कि इस इमारत को बनाने में तकरीबन 6 वर्ष का समय लगा था। और इसके निर्माण में तकरीबन 8 अरब डॉलर की राशि खर्च हुई थी। इतना ही नहीं बिल्डिंग के निर्माण में 1,10,000 टन से अधिक कंक्रीट, 55 हज़ार टन से अधिक स्टील रेबर लगा था।
इमारत के बाहरी आवरण पर लगी है इतने ग्लास पैनल
दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा को देखने पर इस बात का आभास हो जाता है कि यह इमारत स्टील और शीशे से निर्मित है। बिल्डिंग के बाहरी हिस्से को बनाने में 26000 ग्लास पैनलों का इस्तेमाल किया गया है। इसकी खातिर चीन से 300 विशेषज्ञों को बुलाया गया था। इस बिल्डिंग को बनाने के दौरान प्रतिदिन लगभग 12000 मजदूर मजदूरी करते थे। इसके फलस्वरूप यह बिल्डिंग 6 सालों में बनकर तैयार हुई थी।
Burj Khalifa में लगी है सबसे तेज लिफ्ट
आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा में लगी लिफ्ट 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। और इस बिल्डिंग के टॉप यानी कि 124 में मंजिल पर पहुंचने के लिए सिर्फ 2 मिनट का वक्त लगता है। इमारत की 124 वीं मंजिल से आप दुबई का नजारा देख सकते हैं।