इस समय सभी देशों में कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहे है। वहीं इस कोरोना कहर के बीच अबू धाबी के भारतीय दूतावास से पासपोर्ट ने एक बड़ी घोषणा की है।
दरअसल, अबू धाबी के भारतीय दूतावास ने घोषणा करी है कि पासपोर्ट आवेदन जमा करने के लिए बच्चों,बूढ़ों और गर्भवती महिलाओं को पासपोर्ट केंद्र जाने की जरूरत नहीं है और इस बात की जानकारी अबू धाबी के भारतीय दूतावास ट्वीट करके दी है।
अबू धाबी के भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया है कि अब अमीरात के बीएलएस केंद्रों में अपने पासपोर्ट आवेदन जमा करने के लिए बुजुर्गों, नाबालिगों और गर्भवती महिलाओं की शारीरिक उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है। बुजुर्गों, नाबालिगों और गर्भवती महिलाओं के आवेदन अब उनकी कोई और भी लेकर जमा कर सकता है।
आधिकारिक नियमों को पूरा करने के लिए इन प्रक्रियाओं को पूरा करना होगा।
- 60 वर्ष से अधिक उम्र के आवेदक का आवेदन उसके परिवार का सदस्य या कोई भी करीबी रिश्तेदार अपनी ओर से संबंधित दस्तावेजों के साथ पासपोर्ट केंद्र जाकर आवेदन पत्र भर सकता है।
- गर्भवती महिला के आवेदन में उसके पति/परिवार के सदस्य / करीबी रिश्तेदार को आवेदन फार्म भरने की अनुमति है वहीं महिला के गर्भवती होने की एक मेडिकल रिपोर्ट साथ लानी पड़ेगी।
- वहीं नाबालिग बच्चों (12 वर्ष से कम) के आवेदन के लिए पिता और माता दोनों का एक जॉइंट पासपोर्ट आवेदन पत्र और संबंधित दस्तावेजों के साथ जमा किया जा सकता है। वहीं सेंटर पर माता या पिता में से कोई एक ही जा सकता है।
भारतीय दूतावास ने ये भी कहा है कि जब तक स्थिति में सुधार नहीं होता है, तब तक ये अस्थायी नियम लागू रहेंगे। आपको बता दें, अबू धाबी के भारतीय दूतावास ने ये फैसला कोरोना वायरस के कारण लिया है। बीएलएस अंतर्राष्ट्रीय केंद्रों पर बुजुर्ग नागरिकों (60 वर्ष से अधिक के उम्र वाले), नाबालिग बच्चों (12 वर्ष से कम), गर्भवती महिलाओं और शारीरिक रूप से विकलांग आवेदकों को अस्थायी रूप से छूट देने का फैसला किया है। ताकि दूतावास पर भीड़ ना बढ़े और कोरोना संक्रमण को फैलने से भी रोका जा सकें।