अबू धाबी के राष्ट्रीय आपातकालीन संकट और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनसीईएमए) ने ईद उल-अज़हा के त्यौहार को लेकर एक बड़ी घोषणा करी है और ये घोषणा बीते मंगलवार को की गयी है।
दरअसल, अबू धाबी के राष्ट्रीय आपातकालीन संकट और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनसीईएमए) ने ईद उल-अज़हा के त्यौहार पर घोषणा करी है कि देश भर की मस्जिदें नमाजियों को ईद उल-अज़हा की नमाज अदा करने की अनुमति देने के लिए अपने दरवाजे खोल देंगी और यह सिर्फ 15 मिनट तक सीमित है जबकि मस्जिद और मुसल्लाह ईद की नमाज से 15 मिनट पहले खुलेंगे और इसके तुरंत बाद बंद हो जाएंगे।
वहीं घोषणा में ये भी कहा गया है कि प्रार्थना से पहले और बाद में हाथ मिलाने और गले लगाने की पारंपरिक प्रथा पर प्रतिबंध है। वहीं साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान एनसीईएमए के आधिकारिक प्रवक्ता ताहिर अल अमेरी ने कहा कि पूजा से पहले या बाद में पूजा करने वालों को पूजा स्थलों पर इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है।
इसी के साथ ईद के प्रोटोकॉल के अनुसार, बुजुर्गों और पुरानी बीमारियों वाले लोगों और 12 साल से कम उम्र के बच्चों को घर पर ही ईद की नमाज अदा करने की सलाह दी जाती है। वहीं उपासक अपने-अपने आसन लेकर आएंगे। COVID-19 से संक्रमित, या संक्रमित लोगों के निकट संपर्क में आने वालों को प्रार्थना में शामिल होने पर प्रतिबंध है।
यूएई के निवासियों से ईद की छुट्टियों के दौरान पारिवारिक यात्राओं और सभाओं से बचने का आग्रह किया गया है। प्रवक्ता ने कहा, “उत्सव एक ही परिवार के सदस्यों तक सीमित होना चाहिए जो एक ही घर में रहते हैं।”
आपको बता दें, Eid Al Adha दो प्रमुख त्योहारों में से एक है, और यह सभी मुसलमानों द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार है। यह मक्का की तीर्थयात्रा के समापन का प्रतीक है, जिसे हज के रूप में जाना जाता है। बकरीद को ईद-उल-अजहा, ईद-उल-जुहा, बकरा ईद, के नाम से जाना जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के मान्यता अनुसार, हर साल बकरीद 12वें महीने की 10 तारीख को मनाई जाती है। यह रमजान माह के खत्म होने के लगभग 70 दिनों के बाद मनाई जाती है।