Placeholder canvas

अरब अमीरात से 20 साल बाद स्वदेश लौटा ये भारतीय कामगार, Dh750,000 का जुर्माना भी हुआ माफ़

कोरोना वायरस की वजह से खाड़ी देशों में काम करने गये कई लाख लोगों की नौकरी चली गयी। जिसकी वजह से ये लोग स्वदेश लौट रहे हैं। वहीं इसी के साथ UAE एक्सपायर वीजाधारक भी वापस स्वदेश लौट रहे हैं। इसी बीच UAE में एक भारतीय कामगार थानावेल मथियाजहागन भी भारत लौटे है जो पिछले 20 वर्षो से UAE में फंसे हुए थे और उन पर  Dh750,000 ओवरस्टे जुर्माना लगा हुआ था।

गल्फ न्यूज़ के मुताबिक, भारतीय राज्य तमिलनाडु के व्यक्ति पिछले 20 वर्षों में संयुक्त अरब अमीरात में फंसे हुए थे। अपनी इस बड़ी परेशानी को लेकर भारतीय राज्य तमिलनाडु के व्यक्ति थानावेल मथियाजहागन ने कहा कि वह पिछले 20 वर्षों में संयुक्त अरब अमीरात में एमनेस्टी के अवसरों का लाभ नहीं उठा सके क्योंकि घर से दस्तावेजों में उसके पिता के नाम ठीक नहीं होने के कारण उनकी पहचान नहीं हो पायी। जिसके कारण वो यहां पर फंसे रहे।

अरब अमीरात से 20 साल बाद स्वदेश लौटा ये भारतीय कामगार, Dh750,000 का जुर्माना भी हुआ माफ़

56 साल के मथियाजहागन ने बताया कि वो अबू धाबी में नौकरी के लिए भर्ती एजेंट को Rs120,000 (Dh6,048) का भुगतान करने के बाद साल 2000 में संयुक्त अरब अमीरात आए थे, यह उनके रोजगार वीजा प्रविष्टि परमिट पर मुहर से सत्यापित किया जा सकता है। केवल एक दस्तावेज जिसे मथियाजहागन ने सुरक्षित किया है। इसके अलावा उनके पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ की एक प्रति भी है। उन्होंने कहा कि एजेंट ने मूल पासपोर्ट लिया था, जिसमें दावा किया गया था कि मेडिकल प्रमाण पत्र जारी होने के बाद पासपोर्ट में उसके निवास के वीजा पर मुहर लगा दी जाएगी।

“मैंने मेडिकल टेस्ट लिया और अपने रोजगार वीजा का इंतजार किया। लेकिन, एजेंट ने इसमें देरी की और बाद में मुझे पता चला कि कंपनी, जो मुझे नौकरी पर रखने वाली थी वह कंपनी बंद हो गई। वहीं दूसरी तरफ एजेंट ने उसकी कॉल का जवाब देना बंद कर दिया और बाद में उसका पता नहीं लगाया जा सका। “मैं वहां पर अपने जानने वालों के साथ एक कमरे में रहा। मैं आठ महीने तक बिना नौकरी के रहा। उसके बाद मैं शारजाह आया और कुछ काम करने लगा।

वहीं मथियाजहागन ने कहा कि वह अवैध रूप से यूएई में रहकर विभिन्न परिवारों और कंपनियों के लिए अंशकालिक नौकरियां करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। इस बीच जब इस वर्ष 17 नवंबर को समाप्त हो चुके वीजा वाले लोगों के लिए और COVID-19 महामारी के दौरान 1 मार्च से पहले जिन लोगों के वीजा रद्द कर दिए गए थे, उन्हें यूएई सरकार ने 2003, 2007, 2012 और 2018 में वीजा माफी की अनुमति दी थी।

अरब अमीरात से 20 साल बाद स्वदेश लौटा ये भारतीय कामगार, Dh750,000 का जुर्माना भी हुआ माफ़

इसके बाद मैथियजाहगन ने आपातकालीन प्रमाण पत्र (ईसी) के लिए आवेदन किया था और इसी के साथ महादेवन और चंद्र प्रकाश पी, जिन्होंने अबू धाबी में भारतीय दूतावास के माध्यम से मठियागगन को ईसी प्राप्त करने में मदद की, दोनों ने भारतीय दूतावास और मठियाघगन के गांव में स्थानीय विभागों से संपर्क कर गलती को सुधारने और उनके दस्तावेजों को संसाधित करने के लिए संपर्क किया।

प्रकाश ने कहा, “संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय राजदूत पवन कपूर ने इस मुद्दे को हल करने में विशेष रुचि ली और इसके बाद उन्हें उनकी पहचान मिली। साथ ही जो 20 वर्षो से UAE में बिना वीजा के रहने पर Dh750,000 ओवरस्टे जुर्माना लगा। उसे भी माफ़ कर दिया गया। वहीं भारत लौटने से पहले मथियाजहागन ने कहा कि वह उन लोगों के आभारी हैं जिन्होंने घर वापस आने के लिए मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहा, “मैं उन सभी का ऋणी हूं और यूएई सरकार का भी जिन्होंने इतना बड़ा जुर्माना माफ किया है।”