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स्कूल फिर से शुरू होने से पहले दुबई के शिक्षकों को करवाना होगा COVID-19 टेस्ट, खोले गये 7 टेस्ट केंद्र

चीन से दुनियाभर के देशों में फैले कोरोना वायरस की वजह से सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया था ताकि बच्चों में इस वायरस का संक्रमण ना फैले। लेकिन कोरोना कहर के बीच अब दुबई में स्कूल फिर से खुलने वाले हैं। वहीं इस बीच दुबई में स्कूल खुलने से पहले सरकार के शीर्ष अधिकारी ने बड़ी घोषणा करी है।

दरअसल, दुबई के शीर्ष अधिकारी ने घोषणा करी है कि स्कूल खुलने से पहले के शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों को COVID-19 पीसीआर टेस्ट से गुजरना होगा और इस बात की घोषणा नॉलेज एंड ह्यूमन डेवलपमेंट अथॉरिटी (केएचडीए) के महानिदेशक ने की है।

स्कूल फिर से शुरू होने से पहले दुबई के शिक्षकों को करवाना होगा COVID-19 टेस्ट, खोले गये 7 टेस्ट केंद्र

गुरुवार को नॉलेज एंड ह्यूमन डेवलपमेंट अथॉरिटी (केएचडीए) के महानिदेशक ने ने घोषणा करते हुए कहा कि, “दुबई के शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों के कोविड-19 टेस्ट के लिए सात कोविड-19 टेस्ट केंद्र के रूप में चुना गया है ताकि शिक्षण और सहायक कर्मचारी परीक्षण से गुजर सकें और माता-पिता को आश्वस्त कर सकें कि यह सुरक्षित है अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए।

वहीं उन्होने ये भी कहा कि स्कूलों ने एहतियाती उपायों को ठीक से लागू कर रहे हैं, “हमने स्वास्थ्य प्रोटोकॉल और एहतियाती उपायों के अनुपालन के लिए स्कूलों का दौरा किया। हम नियमित रूप से स्कूलों का दौरा करते रहेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि वे इन उपायों को लागू करना जारी रखें। इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि माता-पिता के पास पहले सेमेस्टर में स्कूल की उपस्थिति और ऑनलाइन कक्षाओं के बीच चयन करने का विकल्प होगा।

स्कूल फिर से शुरू होने से पहले दुबई के शिक्षकों को करवाना होगा COVID-19 टेस्ट, खोले गये 7 टेस्ट केंद्र

वहीं स्कूल की फीस के बारे में उन्होंने कहा कि दूरस्थ शिक्षा का चुनाव फीस पर असर नहीं डालता है। लेकिन हम समझते हैं कि कई स्कूल COVID-19 संकट से प्रभावित माता-पिता का समर्थन करने के लिए अलग-अलग पैकेज डाल रहे हैं।इसी के साथ डॉ. करम ने माता-पिता और छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वे निवारक उपायों का सख्ती से पालन करते हुए स्कूल की सकारात्मकता पर ध्यान दें।

आपको बता दें, कोरोना वायरस की वजह दुनियाभर के देशों के स्कूल, कॉलेज पढाई के जितने भी केंद्र है उन्हें भी बंद कर दिया गया था ताकि वायरस का संक्रमण ज्यादा लोगों में ना फैले। लेकिन इस बीचबच्चों को घर बैठ कर ऑनलाइन पढाया जा रहा था।