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जानिए कुवैत में कामगारों को कितने घंटे करना होता है काम और कितनी मिलती है छु्ट्टी, जानिए नियम

कुवैत में कई सारे प्रवासी काम के सिलसिले में यहाँ जाते हैं और ये लोग यहाँ पर ज्यादा पैसा कमाने के लिए जाते हैं। वहीं कई ऐसे लोग भी है जो यहाँ पर काम करने कोई इच्छा रखते हैं लेकिन उन्हें यहाँ के बारे कोई भी जानकारी नहीं होती है। ऐसे में इस पोस्ट के जरिये हम आपको कुवैत में एक कामगार को कितना समाने करना होता है साथ ही यहाँ पर कामगर के लिए क्या-क्या नियम है उस बात की जानकारी देने जा रहे हैं।

कुवैत में कामगार के काम करने के घंटे

जानिए कुवैत में कामगारों को कितने घंटे करना होता है काम और कितनी मिलती है छु्ट्टी, जानिए नियम

कुवैत के श्रम कानून के अनुसार, एक कामगार के लिए प्रतिदिन आठ घंटे और प्रति सप्ताह 48 घंटे आवश्यक काम करना होता है। वहीं फाइनेंसियल, कमर्शियल और इन्वेस्टमेंट सेक्टर के कामगार को आठ घंटे ही काम करना होगा। वहीं एक होटल में काम करने वाले कर्मचारी अधिक हो सकते हैं।

आठ घंटे काम करने के दौरान कामगार को पांच घंटे होने के बाद एक घंटे का आराम या ब्रेक लेने की अनुमति है। इसी के साथ यह एक घंटे का विश्राम या विराम कार्य घंटों की गणना में शामिल नहीं किया गया है।

वार्षिक छुट्टी

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कुवैत कानून के अनुसार, कामगार 30 दिनों की वार्षिक छुट्टी का हकदार है। वहीं कामगार इसे जमा कर सकता है, लेकिन छुट्टी दो साल से अधिक न हो। नियोक्ता का अनुमोदन प्राप्त होने पर कर्मचारी एक ही बार में अपनी संचित छुट्टी लेने का हकदार होगा।

वहीं श्रम कानून के अनुसार, कामगार के पारिश्रमिक को उसकी सेवा की अवधि के दौरान किसी भी कारण से कम नहीं किया जा सकता है। यह आगे निर्धारित करता है कि एक नियोक्ता कर्मचारी के पारिश्रमिक का भुगतान उस अवधि के दौरान करेगा जब कर्मचारी से संबंधित किसी अन्य कारण से स्थापना का काम पूरी तरह या आंशिक रूप से निलंबित है, जब तक कि वे व्यक्ति को रोजगार जारी रखना चाहते हैं।

बीमारी के लिए छुट्टी

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कामगार बीमारी की वजह से अवकाश लेना चाहता है तो उसे नियोक्ता द्वारा नियुक्त डॅाक्टर या फिर किसी सरकारी अस्पताल से प्राप्त प्रमाण पत्र को देना होगा। इसके बाद वो बिना वेतन कटे बीमारी का अवकाश प्राप्त कर सकता है।

वहीं बीमारी अवकाश के शुरूआती पंद्रह दिन में पूरा वेतन देने का नियम है। इसके बाद अगले दस दिन कामगार को वेतन का 75% वेतन देने का नियम है। वहीं उसके अगले दस दिन 50 प्रतिशत और उसके अगले दस दिन बीमार पड़ने पर वेतन का 25 प्रतिशत देने का नियम है।