लंबे समय से फ्लाइट प्रतिबंध के बाद आखिरकार गुरुवार, 5 अगस्त को फंसे हुए यूएई के प्रवासी का पहला जत्था दुबई पहुंच गए।
नेशनल इमरजेंसी क्राइसिस एंड डिजास्टर्स मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनसीईएमए) और जनरल सिविल एविएशन अथॉरिटी (जीसीएए) ने बीते मगंलवार को घोषणा की थी कि भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल, नाइजीरिया और युगांडा से पूरी तरह से टीकाकरण वाले निवास वीजा धारक यूएई लौट सकते हैं। आज तड़के सुबह फंसे हुए यूएई के निवासियों का पहला जत्था भारत से दुबई पहुंची। मिली जानकारी के मुताबिक, कोचीन, केरल से अमीरात की दो उड़ानें गुरुवार, 5 अगस्त को दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरीं। एयरपोर्ट के बाहर निकलते ही साफ तौर पर यात्रियों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही थी।
उनमें से एक पर लौटे एक निवासी ने कहा कि उड़ान में 100 से अधिक यात्री थे। उन्होंने यात्रियों के लिए कोविड वैक्सीन की आवश्यकता को स्पष्ट किया।
दक्षिण भारतीय राज्य केरल के कोच्चि और तिरुवनंतपुरम के कुछ दर्जनों यात्री, जो दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल ३ से बाहर आने वाले पहले यात्रियों में से थे, ने गल्फ न्यूज के साथ उड़ानों के फिर से शुरू होने के लंबे इंतजार की अपनी कहानियों को साझा किया और वे कैसे अंत में पहली उड़ानों में वापस आ गया।
अबू धाबी में काम करने वाली एक भारतीय नर्स नीतू रवींद्रन ने यूएई सरकार को धन्यवाद किया। भारतीय नर्स नीतू रवींद्रन ने कहा कि हम 16 अप्रैल को वार्षिक छुट्टी पर घर गए थे क्योंकि मेरे भाई की शादी हो रही थी। हम 45 दिनों के बाद लौटने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन वहीं फंस गए।नीतू अपने पति और दो बच्चों के साथ उड़ान भरी।
नीतू ने कहा कि वह और उसके पति सुधीश कुमार, जो एक निजी ड्राइवर हैं, भारत से प्रवेश प्रतिबंध के बाद अपनी नौकरी को लेकर चिंतित थे। हम इंतजार करते रहे और प्रार्थना करते रहे कि प्रवेश प्रतिबंध जल्द ही हटाए जाएं। उन्होंने कहा कि उनकी सबसे बड़ी चिंता 6 अगस्त को वीजा की अवधि समाप्त होने को लेकर थी। मंगलवार को उड़ान फिर से शुरू करने की घोषणा उनके लिए राहत की खबर थी।
घर वापस एयरपोर्ट पर उन्हें एक और समस्या का सामना करना पड़ा। केवल सुधीश को आईसीए की मंजूरी मिली थी। हमने फिर से हवाई अड्डे से आवेदन किया और अनुमोदन प्राप्त करने में कामयाब रहे। शुक्र है कि हम पहली फ्लाइट से ही पहुंचने में कामयाब रहे। वहीं एक और यात्री Manzoor Abdul Azeez ने कहा कि वो एक इंश्योरेंस कंपनी में काम करते हैं और वे वापस कोच्चि से आए है।
Abdul Azeez ने कहा कि वह 1 जुलाई को किसी आपातकालीन निजी काम के लिए घर आए थे और दो सप्ताह में वापस आने की योजना बनाई थी क्योंकि ऐसी खबर थी कि जुलाई से उड़ानें फिर से शुरू होंगी। चूंकि उड़ानें शुरू नहीं हुईं, इसलिए मैंने अर्मेनिया से यात्रा करने के लिए एक पैकेज लिया था।
मुझे आज आर्मेनिया से उड़ान भरनी थी। लेकिन मेरा वीजा आवेदन मंगलवार को खारिज कर दिया गया, हो सकता है कि भारत में टीकाकरण कराने वाले कई लोगों ने इस खबर के बाद वीजा के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया कि केवल संयुक्त अरब अमीरात में टीकाकरण करने वाले लोग ही अब वापस आ सकते हैं।
मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे आर्मेनिया के लिए उड़ान नहीं भरनी पड़ी और मैं पहली उड़ान में ही दुबई के लिए उड़ान भर सका। चूंकि मैंने आर्मेनिया जाने के लिए पहले ही पीसीआर परीक्षण कर लिया था, इसलिए मेरे लिए यह आसान हो गया।
आवश्यक दस्तावेज़
यात्रियों ने कहा कि एयरलाइंस गुरुवार से प्रवेश करने वाले यात्रियों के लिए नई शर्तों का सख्ती से पालन कर रही है।उन्होंने कहा कि केवल जिनके पास COVID-19 टीकाकरण की दोनों खुराक लेने का टीकाकरण प्रमाण पत्र था, उन्हें उड़ान भरने की अनुमति दी जा रही थी।
दुबई के निवासियों के लिए जीडीआरएफए और यूएई के बाकी निवासियों के लिए आईसीए से अनुमोदन, प्रस्थान के 48 घंटों के भीतर लिए गए एक पीसीआर परीक्षण की नकारात्मक रिपोर्ट और हवाई अड्डे पर लिए गए एक अन्य रैपिड पीसीआर परीक्षण की भी बोर्डिंग पास जारी करने के लिए कहा जा रहा था।
केरल से पहुंचे यात्रियों ने कहा कि इन आवश्यकताओं को पूरा नहीं करने वाले कई अन्य लोगों को हवाई अड्डे पर वापस कर दिया गया।