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भारतीय कंपनियों पर नहीं होगा H1-B वीजा के बैन होने का ज्यादा असर, जानिए क्या है वजह

अमेरिकी प्रशासन की तरफ से H1- B वीजा पर बैन लगा दिया गया हैं। जिसके बाद से घरेलू IT कंपनियों को करीब 1200 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। इसके अलावा इन IT कंपनियों को अपने प्रोफिट रेट में भी 0.25 से लेकर 0.30% तक अंदर पड़ेगा।रेटिंग एजेॆसी क्रिसिल ने इस बात की अपनी तरफ से अंदाजा लगाया है।

वैसे अब भारत की देशी कंपनियां अमेरिका में वहां के लोकल लोगों को काम दे रही है। पिछले साल ही अमेरिका की सरकार ने विदेशियों के लिए वीजा जारी करने में कटौती की दी थी। वहीं हाल ही में पिछले महीने अमेरिका की ट्रम्प सरकार ने विदेशी नागरिकों को वीजा जारी करने पर बैन लगा दिया था। अमेरिका में ऐसा इसलिए हो रहा हैं क्योंकि वहां पर कोरोना वायरस महामारी की वजह से बेरोजगारी का रेट काफी बढ़ गया है।

भारतीय कंपनियों पर नहीं होगा H1-B वीजा के बैन होने का ज्यादा असर, जानिए क्या है वजह

वहीं क्रिसिल ने अपनी तरफ से अनुमान लगाते हुए बताया है कि कोरोना वायरस की वजह से भी भारतीय IT कंपनियों के लाभ में कमी आएगी, वहीं परिचालन प्रोफिट केवल 23% रहने का अंदाजा लगाया गया है। इस बैन से देश की केवल 5 बड़ी IT कंपनियों को सिर्फ 5 परसेंट का फर्क पड़ेगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि ये कंपनिया लोकल टैलेंट को ही प्रोयोरिटी दे रही है। इस समय महामारी की वजह से सिर्फ 60% ही ऐसे लोगों को नौकरी पर रखा जा रहा है।

जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका ने अनाउंसमेंट की थी कि 24 जून से लेकर 31 दिसंबर तक पहली बार अमेरिका आने वाले लोग H-1B, H-2B, L-1A, L-1B, J-1 और डिपेंडेंट वीजा के जरिए अमेरिका नहीं आ सकेंगे। इन सभी वीजा होल्डर्स की अमेरिका में एंट्री टम्प्रेरी तौर पर बैन कर दी गई है। घबराइए नहीं इस फैसले से अमेरिका में रह रहे 3 लाख H1- B वीजा होल्डर्स इंडियन को कोई नुकसान नहीं होगा।