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दुबई में भारतीय कामगार की हुई मौ’त, श’व के इंतजार में 23 दिन से परिवार कर रहा शो’क सभा

दुबई में एक भारतीय कामगार की मौ’त हो गयी थी। वहीं इस प्रवासी के श’व को 23 दिन हो गये हैं। लेकिन अब तक वहां से कंपनी ना तो कोई को सहायता कर रही है और ना ही इस कामगार के श’व को भेजने के लिए राजी हुई है। जिसके बाद अब परिवार और ग्रामीणों ने भी तय कर लिया है, जब तक श’व नहीं आएगा, वे शो’क पर बैठक करेंगे।

जानकारी के अनुसार, ये मामला भारत के झुंझुनूं के मलसीसर तहसील के बास कालियासर का है। यहां के एक निवासी पन्नेसिंह की मृ’त्यु नौ मार्च को दुबई में काम करते वक्त हो गई। जिसके अब अभी तक इस शख्स को श’व दुबई से स्वदेश नहीं लौटा है।

दुबई में भारतीय कामगार की हुई मौ'त, श'व के इंतजार में 23 दिन से परिवार कर रहा शो'क सभा

वहीं इस मामले को लेकर गांव के शीशराम ने बताया कि पन्नेसिंह करीब दो-ढाई साल से दुबई की कंपनी अल बस्ती एंड मुक्था एलएलडी दुबई में काम करता था। उसने गांव के लोगों से कर्जा लेकर छोआ से मकान पिछले दिनों ही बनाया था। जिसकी उसे टें’शन थी।

उसका सपना था कि मकान बनने के बाद वह अपनी दो बेटियों और बेटे की शादी कर दें। लेकिन अचानक नौ मार्च को पन्नेसिंह की मृ’त्यु हो गई। परिवार के लोगों क उसके साथियों ने बताया कि उसके सी’ने में द’र्द उठा और अ’स्प’ताल ले गए। वहां इलाज चला, लेकिन कुछ देर बाद ही उसकी मौ’त हो गई।

वहीं शीशराम ने बताया कि कंपनी वाले खानापूर्ति करना चाहते हैं। लेकिन वे नहीं जानते कि पन्नेसिंह के आखिरी दर्शन के लिए उनका परिवार किस ग’म से गुजर रहा है। मृ’त्यु के बाद 12 दिन की शोक बैठक होती है। लेकिन शव के इंतजार में पिछले 23 दिनों से परिवार शोक बैठक कर बैठा है।

ग्रामीण शीशराम ने ये भी बताया कि उन्होंने जब कंपनी से पत्र व्यवहार किया तो कंपनी ना तो पूरी मेडिकल जांच रिपोर्ट भेज रही है और ना ही परिवार को मिलने वाली सहायता राशि के बारे में कुछ बोल रही हैं। जबकि परिवार की हालत इतनी खराब है कि कमाने वाला केवल पन्नेसिंह था।

वहीं शीशराम ने बताया कि  इस संदर्भ में उन्होंने विदेश मंत्रालय (MEA), भारतीय दूतावास समेत सभी जगहों पर बातचीत की है। पत्राचार किया है। लेकिन 23 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इधर, पन्नेसिंह की मौत के बाद उनके परिवार के सदस्यों का रो-रो कर बुरा हाल है।