Placeholder canvas

दुबई में फंसे 79 साल के भारतीय की घर लौटने की चाहत, कहा-‘कृपया मुझे घर भेज दें,अपनी जिंदगी की आखिरी सांसे मातृभूमि में लेना चाहता हूं’

कोरोना वायरस नाम के दुश्मन ने इस समय पूरी दुनिया एक कर दिया है क्योंकि इस समय के दुनिया आधे से ज्यादा देश एक ही काम कर रहे हैं और वो काम है वायरस से निपटने की कोशिश। ऐसे मुश्किल समय से निपटने के लिए भारत ने भी अपने यहां लॉकडाउन लगा दिया। जिसके बाद दुनिया भर के कई देशों में हजारों भारतीय फं’स गए है।

हालांकि इस समय भारत सरकार दूसरे देशों में फंसे अपने सभी नागरिकों वापस ला रही हैं। वहीं इसी के साथ दूसरे देशों फंसे भारतीय अपने देश वापस आने लिए लगातार सरकार से गुहार लगा रहे हैं। वैसे सरकार अपनी योजनाओं के अनुसार नागरिकों वापस ला रही हैं लेकिन कुछ लोग हैं जिन्हें अपने वतन जल्दी वापस जाने की इच्छा है।

दुबई में फंसे 79 साल के भारतीय की घर लौटने की चाहत, कहा-'कृपया मुझे घर भेज दें,अपनी जिंदगी की आखिरी सांसे मातृभूमि में लेना चाहता हूं'

हाल ही में ऐसी ही एक गुजारिश दुबई से एक भारतीय ने की है। दुबई में रहने वाले 79 साल के के राधवन ने गल्फ न्यूज को फोन कर कहा कि “प्लीज मुझे मेरे घर भारत वापस जल्दी जाने में मेरी हेल्प कीजिए, अपनी जिंदगी की आखिरी सांसे मातृभूमि केरल में लेना चाहता हूं।” के राधवन दुबई में दो टेलरिंग की दुकानों और अजमान में एक ट्रेडिंग बिजनेस कंपनी को चलाया करते थे। लेकिन कोरोना वायरस की वजह से उनका ये बिजनेस काफी डाउन चला गया, जिसके बाद वो भारत नहीं आ पाए।

79 साल के के राधवन ने कहा कि “मैंने अपने जीवन जो कुछ भी कमाया था, वो सब कुछ मैने अपनी अल्सर की बीमारी के इलाज में खो दिया है। इस बीमरी में मेरा आधा शरीर लकवाग्रस्त हो गया है।” उन्होंने बताया कि वो इस समय दुबई के जाफिलिया इलाके में एक कमरे में रह रहे हैं।

इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि उनका वीजा तीन साल पहले ही खत्म हो गया है। लेकिन जर्माने के पैसे ना हो पाने कि वजह से वो वीजा रिन्यूवल नहीं करवा पाए। उन्होंने उदास होकर कहा कि “अगर मेरे रिश्तेदार मेरे अजमान वाले बिजनेस को देख लेते तो मेरा ये हाल कभी ना होता। अब मैं एक मरीज हूं, जिसे रगुलरली कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेसर के लिए दवाएं लेने की जरूरत है। मेरा बस भारत सरकार से एक ही अनुरोध है की वो मुझे भारत वापस ले जाए।”