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COVID-19 रिपोर्ट जारी करने वाली 3 और भारतीय लैब के बैन होने के बाद दुबई जाने वाले यात्रियों पर आई मुसीबत

हाल ही में एयर इंडिया एक्सप्रेस ने जानकारी देते हुए कहा था इस सप्ताह तीन और भारतीय प्रयोगशालाओं द्वारा जारी की गयी COVID-19 RT_PCR  टेस्ट रिपोर्ट मान्य नहीं होंगी। इस वजह से भारत से दुबई जाने वाले यात्रियों पर बड़ी मुसीबत आ गयी है।

जानकारी के अनुसार, एयर इंडिया एक्सप्रेस और स्पाइसजेट ने 27 सितम्बर को घोषणा करी थी कि तीन और भारतीय प्रयोगशालाओं से पूर्व प्रस्थान COVID-19 परीक्षण रिपोर्ट भारत से दुबई की यात्रा के लिए स्वीकार नहीं की जाएगी। जिसके बाद भारतीय प्रयोगशालाओं की ब्लैकलिस्ट सात हो गयी है और बात की जानकारी जानकारी एयर इंडिया एक्सप्रेस ने ट्वीट करके दी है।

COVID-19 रिपोर्ट जारी करने वाली 3 और भारतीय लैब के बैन होने के बाद दुबई जाने वाले यात्रियों पर आई मुसीबत

वहीं हाल ही में ब्लैकलिस्ट की गयी भारतीय प्रयोगशालाओं की वजह से भारत से दुबई जाने वाले यात्रियों को फिर से रोक दिया गया है।

गल्फ न्यूज के मुताबिक,  दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास में Press, Information and Culture के consul नीरज अग्रवाल इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, गलत नकारात्मक रिपोर्टों की वजह से कुछ प्रयोगशालाओं को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था। हमारे सामने ये जानकारी सामने आयी, जिसमें ऐसे मामले सामने आए कि इन प्रयोगशालाओं ने उन लोगों के लिए कोविड-19 रिपोर्ट निगेटिव आयी, जिनके रिजल्ट पॅाजिटीव थे। यही वजह रही कि इन 3 और लैब को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।

COVID-19 रिपोर्ट जारी करने वाली 3 और भारतीय लैब के बैन होने के बाद दुबई जाने वाले यात्रियों पर आई मुसीबत

UAE ने कोरोना वायरस से बचाव वाले प्रोटोकॉल्स को जारी करते हुए कहा था कि भारत से UAE के लिए ट्रैवल करने वाले पैसेंजर्स को अपनी यात्रा से करीब 96 घंटे के अंदर का RT- PCR कोरोना वायरस टेस्ट का नेगटिव रिपोर्ट सर्टिफिकेट होना चाहिए। तभी वो प्रैसेंजर UAE के लिए अपना सफर शुरू कर सकता है।

आपको बता दें, इस कोरोना वायरस से अभी तक 11 लाख से ज्यादा लोगों की मौत ही चुकी है साथ ही 3 करोड़ से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं इस वजह UAE ने विदेशों से आने वाले यात्रिओं को यात्रा शुरू करने से 96 घंटे पहले कि गयी RT- PCR कोरोना वायरस टेस्ट का नेगटिव रिपोर्ट सर्टिफिकेट पेश करने को कहा है ताकि इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकें।