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जानिए उस युवा महिला वैज्ञानिक के बारे में, जिसकी अगुवाई में लॅाचिंग तक पहुंचा यूएई का मंगल मिशन

संयुक्त अरब अमीरात अपना पहला स्पेस क्राफ्ट मंगल ग्रह की यात्रा पर भेजने वाला है और अरब देश का ये पहला मिशन है जिससे UAE को बड़ी उम्मीद है। वहीं इस मंगल मिशन (अमीरात ‘होप मार्स मिशन) की बागडोर एक महिला को दी गयी है। इस पोस्ट के जरिये हम आपको इस मार्स मिशन की महिला वैज्ञानिक के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने सॉफ्टवेयर इंजीनियर से मंत्री पद तक का सफर तय किया।

अमीरात ‘होप मार्स मिशन की कमान एक महिला वैज्ञानिक सारा अल अमीरी को दी गयी है। जिन्होंने अमेरिकन यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है। सारा पहले दुबई स्थित मोहम्म्द बिन राशिद स्पेस सेंटर में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर कार्यरत थी। वहीं कार्ल के एडवांस्ड साइन्स और टेक संस्था में सारा ने अपना करियर शुरू किया और दुबईसैट -1 व दुबईसैट -2 जैसे प्रोजेक्टों पर काम कर रहे हैं। दुबई वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में सीनियर भूमिका लेने से पहले सारा ने क्लाइमेट चेंज पर यूएई के मंत्रालय में भी अपनी सेवाएं दी थीं। 2016 में उन्हें एम्परर साइंस परिषद का प्रमुख नियुक्त किया गया था।

जानिए उस युवा महिला वैज्ञानिक के बारे में, जिसकी अगुवाई में लॅाचिंग तक पहुंचा यूएई का मंगल मिशन

वहीं इसके बाद साल 2017 में जब यूएई में एडवांस्ड साइन्स और टेक मंत्री का पद पहली बार क्रिएट हुआ, तब सारा को इस पद पर नियुक्त किया गया। 2017 में केवल सारा एम्स्टर्डम का पहला नागरिक बनीं, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय टेड सम्मेलन में मंगल मिशन के बारे में बातचीत करने के लिए शिरकत की और अब वो होप मंगल मिशन को लीड कर रही है।

होप मंगल मिशन में काम करने वाली 34% महिलाएं हैं। वहीं मंत्री होने के साथ ही इस मिशन की वैज्ञानिक लीड भी सारा कर रही है।

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आपको बता दें, यूएई के मंगलयान का नाम ‘अमल’ या उम्मीद है, जिसे जापान के एच-2ए रॉकेट के जरिए पहले बुधवार को दक्षिणी जापान के तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाने वाला था, लेकिन फिलहाल खराब मौसम की वजह से इसके प्रक्षेपण को रोक स्थगित कर दिया गया है।