जापान से UAE का पहले मार्स मिशन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है खबर है कि जापान से UAE का पहला मार्स मिशन ‘होप’ लॉन्च हो गया है।
सोमवार को अरब स्पेस मिशन ने मंगल ग्रह के लिए अपना मार्स मिशन ‘होप’ को लॉन्च किया। वहीं ये लॉन्चिंग दक्षिणी जापान के तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से हुई और इस लॉन्चिंग का समय स्थानीय जापानी समय शाम 6:58:14 पर (रात 9:58, GMT था। वही ये मंगल यान अगले साल फरवरी 2021 में सात अमीरातों के गठबंधन यानी यूएई के एकीकरण की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘होप’ के मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंचने की उम्मीद है।
रॉकेट निर्माता मित्सुबीशी हेवी इंडस्ट्रीज ने लॉन्च के तुरंत बाद एक जारी किया जिसमे उन्होंने कहा कि हमने H-IIA व्हिकल नंबर 42 (H-IIA F 42) से अमीरात मार्स मिशन (EMM) होप स्पेस क्रॉफ्ट को स्थानीय जापानी समय शाम 6.58.14 पर (रात 9: 58, GMT) लॉन्च कर दिया। प्रक्षेपण के पांच मिनट बाद, रॉकेट अपनी उड़ान के पहले पृथक्करण को अंजाम दे रहा था।
Moments that make history… The Emirates Mars Mission team participates in the first Arabic countdown from Japan… The countdown that ushers a new era for Arab space exploration. #HopeMarsMission #HopeProbe pic.twitter.com/PaKk75e5F9
— Hope Mars Mission (@HopeMarsMission) July 19, 2020
वहीं लॉन्चिंग के बाद संयुक्त अरब अमीरात का कहना है कि इसकी अंतरिक्ष जांच काम कर रही है और मार्स के लिए लॉन्चिंग के बाद संकेत भेज रही है। इससे पहले UAE के इस पहले मंगल मिशन को रोक दिया गया था क्योंकि इस मिशन एक लॉन्चिंग के दौरान जापान में भारी बारिश हो रही है। जिससे मुख्य दक्षिणी द्वीप क्यूशू पर जानलेवा तूफान और बाढ़ आ गई है। जिसकी वजह से ये लॉन्चिंग रुक गयी है।
The UAE team during the final checks before the launch of the Hope Probe, the first Arab interplanetary mission, at the Tanegashima Space Centre in Japan.#HopeMarsMission pic.twitter.com/aqIZmOS11C
— Hope Mars Mission (@HopeMarsMission) July 19, 2020
आपको बता दे, ये विमान मानवरहित है और ये यान मार्स के ऑर्बिट तक फरवरी 2021 में पहुंचेगा। अमीरात का प्रोजेक्ट मंगल पर जाने वाले तीन प्रोजेक्ट में से एक है। इसमें चीन के ताइनवेन-1 और अमेरिका के मार्स 2020 भी शामिल हैं। ये उस मौके का फायदा उठा रहे हैं जब धरती और मंगल के बीच की दूरी सबसे कम होती है।
मालूम हो कि यूएई ने इस मंगल मिशन को लॅान्च करते ही पूरे अरब जगत में ऐसा करने वाला पहला देश बन चुका है। यूएई ने यह समूचे अरब देशों की अवधारणा बदल दी है। साथ ही यह साबित कर दिया है कि अरब जगत भी दुनिया से कदमताल करते हुए विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नया इतिहास रचने को अग्रसर है।