यूएई चुनिंदा प्रवासियों को गोल्डन वीजा दे रहा है। बीते कुछ समय से तमाम भारतीय प्रवासियों को भी गोल्डन वीजा प्राप्त हुआ है। वहीं इस बीच इस पोस्ट के जरिये हम उन इच्छुक भारतीयों को बतलाना चाहते हैं, जो यूएई के गोल्डन वीजा लेना चाहते हैैं और यूएई के इस खास गोल्डन वीजा की सभी जानकारी जानना चाहते हैं।
यूएई ने साल 2019 में की गोल्डन वीजा की शुरुआत
बता दें, UAE ने गोल्डन वीजा की शुरुआत साल 2019 में की थी। यूएई के उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और यहां के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने गोल्डन वीजा निवेशकों और व्यापारियों के लिए करी थी, हालांकि बाद में कोरोना वायरस महामारी के वजह से यूएई के शहर दुबई में पर्यटकों की कमी का सामना करना पड़ा है। जिसकी वजह से साल 2020 में इसमें स्पेशल डिग्री, डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और कोडर्स के लिए मंजूरी दे दी गई थी।
जो प्रवासी गोल्डन वीजा प्राप्त करते हैं। उन्हें यूएई में अपने बिजनेस को 100 फीसदी मालिकाना हक के साथ करने की सुविधा मिल जाती है। इसके साथ ही वीजा मिलने के बाद कोई भी प्रवासी 5 या फिर 10 साल तक दुबई समेत पूरे अरब अमीरात के किसी भी शहर में में रह सकता है।
जानिए कैसे करें यूएई गोल्डन वीजा अप्लाई
गोल्डन वीजा की खास बात यह है कि इसे समय सीमा में रिन्यूल की भी जरूरत नहीं पड़ती है। यह ऑटोमैटिक रिन्यू हो जाता है। वहीं गोल्डन वीजा हासिल करने वाले व्यक्तियों को सरकार की तरफ से सुरक्षा भी दी जाएगी। इसी के साथ वीजा जारी करते समय ही यूएई की सरकार ने साफ कर दिया था कि वो प्रवासियों, निवेशकों और उन लोगों को सुरक्षा मुहैया कराएगी जो आने वाले समय में यूएई को अपना घर बनाने की सोच रहे हैं।
वहीं इस वीजा को पाने के लिए ICA की वेबसाइट के जरिए संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा यूएई के विदेश मंत्रालय के तहत काम करने वाले जनरल डायरेक्टर ऑफ रेजीडेंसी एंड फॉरेनर्स अफेयर्स (GDRFA) के जरिये भी अप्लाई किया जा सकता है।
ICA के जरिये सिर्फ ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है तो GDRFA में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से अप्लाई करने की सुविधा है। वीजा हासिल करने वाले व्यक्तियों को जरूरी डॉक्यूमेंट्स और अपने बिजनेस को यूएई शिफ्ट करने से जुड़े कागजात जमा करने होते हैं।
वहीं निवेशक 10 साल के वीजा के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए शर्त यह होती है कि यूएई की मुद्रा दिरहम में उनकी आय एक करोड़ से कम नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा डॉक्टर, रिसर्चर, वैज्ञानिक और कलाकार, ऐसे विशेष प्रतिभा से जुड़े लोगों को उनके संबंधित विभाग और क्षेत्रों द्वारा दी गई मान्यता के बाद 10 साल का वीजा दिया जा सकता है। वीजा इनके जीवनसाथी और बच्चों को भी दिया जाएगा।
पांच साल के वीजा के लिए नियम काफी हद तक निवेशकों के लिए समान हैं। केवल अंतर यह है कि जरूरी निवेश की राशि 5 मिलियन दिरहम तय की गई है। हाई स्कूल और विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स यूएई में 5 साल के रेजीडेंसी वीजा के योग्य हैं।
आपको बता दें, यूएई में सबसे बड़ी प्रवासी आबादी भारतीयों की है। 90 लाख की आबादी के यूएई में 30% आबादी भारतीयों की हैं जो वहां व्यापार, नौकरी, पढ़ाई कर रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक यूएई में बसे कई भारतीय अब तक गोल्डन वीजा हासिल कर चुके हैं। वहीं संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की तरफ से बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त को हाल ही में गोल्डन वीजा दिया गया है। इसी के साथ अबु धाबी में रहने वाले भारतीय मूल के 45 वर्षीय श्याम कोत्तुरी को भी गोल्डन वीजा मिला है।
इन लोगों को मिल सकता है अबू धाबी का गोल्डन रेजीडेंसी वीजा
निवेशक (अचल संपत्ति शामिल), उद्यमी, होनहार वैज्ञानिक क्षमता वाले छात्र (हाई स्कूल के छात्र और विश्वविद्यालय के स्नातक शामिल हैं), विशेष प्रतिभा, डॉक्टर, वैज्ञानिक, क्रिएटिव (कला और संस्कृति), इनोवेटर, कार्यकारी निदेशक, शिक्षक (प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में), खेल, पीएचडी धारकों