हाल ही में यूएई ने अपना पहला मार्स मिशन होप लॉन्च किया था। वहीं अब इस मिशन को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है।
दरअसल, UAE द्वारा लॉन्च किए गये इस मार्स मिशन होप ने 100 मिलियन किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली है और इस बात की जानकारी लेजर जांच के स्टार ट्रैकर द्वारा कैप्चर की गई छवियों से पता चला है।
वहीं स्टार ट्रैकर द्वारा कैप्चर की गई छवियों के अनुसार Jupiter और Saturn और मार्स को एक दृष्टि से गुजरते हुए देखा जा सकता है जिसके हिसाब से jupiter और Saturn को पीछे छोड़ते हुए, मंगल हमसे आगे है और इस हिसाब से अभी तक मार्स मिशन होप ने 493 मिलियन किलोमीटर लंबी यात्रा में से 100 मिलियन किलोमीटर से अधिक की यात्रा कर ली है। वहीं यूएई के उपराष्ट्रपति और प्रधान मंत्री और दुबई के शासक महामहिम शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतौम ने ग्रहों की तस्वीरों को पोस्ट की है।
صورة التقطها مسبار الأمل بكاميرا تتبع النجوم.. اليوم تجاوز المسبار 100 مليون كم في رحلته للكوكب الأحمر ..المريخ أمامنا وكوكبي زحل والمشتري خلفنا كما في الصور .. الوصول المتوقع فبراير 2021 بإذن الله ..وحفظه ..وتوفيقه…
الوصول لأهدافنا يتطلب أن لا نلتفت .. pic.twitter.com/IfAWfuFNfw— HH Sheikh Mohammed (@HHShkMohd) August 24, 2020
जानकारी के अनुसार, होप की जांच आधिकारिक रूप से लाल ग्रह की यात्रा में 100 मिलियन किमी की है। मंगल, जैसा कि जांच के स्टार ट्रैकर द्वारा कैप्चर की गई छवि में दिखाया गया है, शनि और बृहस्पति को पीछे छोड़ते हुए, हमसे आगे है।
Moments that make history… The Emirates Mars Mission team participates in the first Arabic countdown from Japan… The countdown that ushers a new era for Arab space exploration. #HopeMarsMission #HopeProbe pic.twitter.com/PaKk75e5F9
— Hope Mars Mission (@HopeMarsMission) July 19, 2020
आपको बता दें, UAE ने 20 जुलाई को मंगल ग्रह के लिए अपना मार्स मिशन ‘होप’ को लॉन्च किया। वहीं ये लॉन्चिंग दक्षिणी जापान के तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से हुई। वही ये मंगल यान अगले साल फरवरी 2021 में सात अमीरातों के गठबंधन यानी यूएई के एकीकरण की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘होप’ के मंगल ग्रह की कक्षा तक पहुंचने की उम्मीद है। वहीं ये विमान मानवरहित है और ये यान मार्स के ऑर्बिट तक फरवरी 2021 में पहुंचेगा। अमीरात का प्रोजेक्ट मंगल पर जाने वाले तीन प्रोजेक्ट में से एक है। इसमें चीन के ताइनवेन-1 और अमेरिका के मार्स 2020 भी शामिल हैं। ये उस मौके का फायदा उठा रहे हैं जब धरती और मंगल के बीच की दूरी सबसे कम होती है।