दुबई को लेकर भारत सरकार ने एक अहम जानकारी दी है है और ये जानकारी dubai में काम करने वाले भारतीय प्रवासियों को लेकर है। दरअसल, भारत सरकार के आप्रवासन (Immigration) ब्यूरो के पिछले पांच वर्षों के आंकड़ों का हवाला देते हुए भारतीय संसद को बताया गया कि विदेश में काम करने वाले भारतीयों के लिए संयुक्त अरब अमीरात सबसे लोकप्रिय गंतव्य है।
काम करने वाले भारतीयों में सबसे पंसदीदा जगह में चार खाड़ी देश
वहीं भारतीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने संसद के निचले सदन लोकसभा को बताया कि जीसीसी (Gulf Cooperation Council) क्षेत्र भारतीय पेशेवरों और ब्लू कॉलर्स वर्कर्स दोनों के लिए विदेशों में काम करने के लिए टॉप 5 में जगहों में शामिल है। वहीं इस हिसाब से शीर्ष पांच में से अमेरिका एकमात्र गैर-खाड़ी देश है।
टॅाप पर आता हैं यूएई का नाम
मंत्री ने डॉ मनोज राजोरिया के साथ साझा की, जिन्होंने उन देशों की सूची मांगी थी जहां भारतीय नौकरी के लिए सबसे ज्यादा यात्रा करते हैं। इस लिस्ट में पहले नंबर पर संयुक्त अरब अमीरात है। इसके बाद सऊदी अरब, कतर, अमेरिका और ओमान संख्या के अवरोही क्रम में हैं
ई-माइग्रेट पोर्टल की हुई स्थापना
इसी के साथ मुरलीधरन ने बताया कि भारत के युवाओं, खासतौर पर समाज के कमजोर वर्ग, को विदेशों में सुरक्षित कानूनी विदेशी रोजगार की सुविधा देने के लिए सरकार ने देश में रजिस्टर्ड भर्ती एजेंट्स की जानकारी के साथ ई-माइग्रेट पोर्टल की भी स्थापना की है। इसके जरिए उन एजेंट्स की जानकारी दी जाती है, जो अवैध है और वे विदेश में नौकरी की इच्छा रखने वाले युवाओं के साथ ठकी करते हैं। ई-माइग्रेट पोर्टल उनके बारे में जानकारी देने में मदद करता है।
भारत के Emigration Act के तहत, विदेश जाने वाले अर्ध-कुशल और अकुशल श्रमिकों को Protector of Emigrants (POE). के कार्यालय से पूर्व emigration मंजूरी प्राप्त करना आवश्यक है। वहीं मुरलीधरन ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में प्रवासी श्रमिकों की सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और राजस्थान की है।
संयुक्त अरब अमीरात में खुला भारत का पहला ‘ट्रेनिंग सेंटर’
जानकारी के लिए आपको बता दें, विदेश राज्यमंत्री हाल ही में यूएई में भारतीय कामगारों के लिए ‘कौशल एवं प्रशिक्षण केंद्र’ का उद्घाटन कर चुके हैं। यह भारत का पहला ट्रेंनिंग सेंटर हैं, जो यूएई में खुला है। यह कौशल केंद्र दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), जेबेल अली में शुरू किया गया था। इस ट्रेंनिंग सेंटर के जरिए दुबई में काम कर रहे भारतीय कामगारों को अरबी, अंग्रेजी और कंप्यूटर एप्लिकेशन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।