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जबरदस्त आतिशबाजी और लेजर शो के जरिए बुर्ज खलीफा ने किया नए साल 2021 का स्वागत

कोरोना महामारी के नाम रहा साल 2020 खत्म हो गया है और नए साल 2021 की  शुरुआत हो गयी है। वहीं इस नए साल एक मौके पर बुर्ज खलीफा पर भी जबरदस्त आतिशबाजी देखने को मिली।

नए साल के मौके पर दुनिया की सबसे ऊची इमारत बुर्ज खलीफा भी नए साल के स्वागत में रोशनी से नहाया हुआ था। नए साल में प्रवेश करने के लिए एक अद्भुत आतिशबाजी और लेजर शो से दुबई के आसमान लाइट की रोशनी से भर गया था। वहीं मुख्य कार्यक्रम से पहले बुर्ज खलीफा पर विभिन्न देशों के झंडे प्रदर्शित किए गए। जापान और दक्षिण कोरिया पहले आए जब उन्होंने अपना नया साल शाम 7 बजे (यूएई समय) मनाया, उसके बाद चीन, फिलीपींस और सिंगापुर रात 8 बजे; जबकि थाईलैंड, वियतनाम और इंडोनेशिया रात 9 बजे आए। भारत के झंडे को 10।30 बजे और साथ ही श्रीलंका के झंडे को प्रदर्शित किया गया। पाकिस्तान के रंग और तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के झंडे 11 बजे दिखाए गए। यूके, आयरलैंड और सेनेगल के झंडे सुबह 4 बजे प्रदर्शित किया गया जबकि ब्राजील, कनाडा, अमेरिका, चिली, पनामा, कोस्टा रिका और मैक्सिको के रंगों को सुबह 5 बजे दिखाया गया।

जबरदस्त आतिशबाजी और लेजर शो के जरिए बुर्ज खलीफा ने किया नए साल 2021 का स्वागत

इसके बाद नए साल का जश्न से पहले बुर्ज खलीफा पर कोरोना महामारी के मुकाबला करने फ्रंटलाइन कर्मचारियों की तस्वीर दिखाई गयी गयी औत उसके बाद काउंटडाउन शुरू हुआ जबरदस्त आतिशबाजी और लेजर शो बुर्ज खलीफा ने नए साल का स्वागत किया। और फिर पटखों की जबरदस्त आतिशबाजी देखने को मिली।

कोरोना महामारी की वजह से इस बार लोगों की भीड़ ना जामे हो बुर्ज खलीफा की मास्टर डेवलपर कंपनी एम्मार ने जूम वीडियो कम्यूनिकेशंस (ज़ूम वीडियो कम्युनिकेशंस) के साथ साझेदारी की है। इसके जरिए दुबई से नए साल के जश्न का लाइव प्रसारण ग्लोबल जूम वीडियो कॉल पर होगा और लोग घर बैठे बुर्ज खलीफा की शानदार रोशनी और आतिशबाजी देखी

वहीं कोविड -19 के कारण नए साल के जश्न में बुर्ज खलीफा के देखने वालों की भीड़ कम नजर आई। क्योंकि रोड और ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) ने बिल्डिंग के आस-पास के मॉल और बुर्ज खलीफा मेट्रो स्टेशन (बुर्ज खलीफा मेट्रो स्टेशन) को 31 दिसंबर से 2 दिसंबर जनवरी तक यातायात को डायवर्ट करने के लिए बंद कर दिया जाता है। जिसकी वजह से इस बार कोरोना महामारी के कारण जो भीड़ उमड़ती थी वह भीड़ नहीं थी।