Placeholder canvas

UAE में बना नया कानून, फर्जी डिग्री का इस्तेमाल करने पर 1 मिलियन दिरहम तक लगेगा जुर्माना

संयुक्त अरब अमीरात में नया कानून बनाया गया है और ये कानून फर्जी विश्वविद्यालय की डिग्री और शैक्षणिक प्रमाण पत्र का उपयोग करते हुए पकड़े जाने वाले लोगों के लिए करी गयी है। दरअसल, UAE में फर्जी विश्वविद्यालय की डिग्री और शैक्षणिक प्रमाण पत्र का उपयोग करते हुए पकड़े जाने वाले लोगों के लिए सख्त कानून और जेल की शर्तें लागू करी है।

जानकारी के अनुसार, मंगलवार को फेडरल नेशनल काउंसिल (एफएनसी) ने संघीय मसौदा कानून पारित किया है और इस कानून के अनुसार, फर्जी विश्वविद्यालय की डिग्री और शैक्षणिक प्रमाण पत्र का उपयोग करते हुए पकड़े जाने वाले लोगों के दंड शामिल हैं: जिसमें Dh30,000 से लेकर Dh1 मिलियन तक का जुर्माना और तीन महीने से दो साल तक कारावास है।

UAE में बना नया कानून, फर्जी डिग्री का इस्तेमाल करने पर 1 मिलियन दिरहम तक लगेगा जुर्माना

वहीं 11 लेखों से मिलकर, कानून देश में सुरक्षित नौकरियों के लिए या सक्षम अधिकारियों द्वारा प्रमाणीकरण या अनुमोदन के लिए फर्जी शिक्षा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने जैसे अपराधों को शामिल करता है। यह संयुक्त अरब अमीरात में मीडिया प्रतिष्ठानों में से एक में एक अनधिकृत निकाय द्वारा जारी किए गए शैक्षणिक प्रमाण पत्र के प्रकाशन पर भी प्रतिबंध लगाता है।

इसी के साथ इन नए नियमों के अनुसार, किसी भी तरह से अनधिकृत संस्थान से शैक्षिक प्रमाण पत्र जारी करने में भाग लेना भी अपराध है। कानून किसी भी अनधिकृत संस्थान के विज्ञापन या प्रचार को प्रतिबंधित करता है जो देश के अंदर या बाहर से फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र जारी करता है।

UAE में बना नया कानून, फर्जी डिग्री का इस्तेमाल करने पर 1 मिलियन दिरहम तक लगेगा जुर्माना

एफएनसी सदस्यों ने शिक्षा मंत्री, हुसैन बिन इब्राहिम अल हम्मादी की उपस्थिति में नए कानून को मंजूरी दी। एफएनसी के सदस्य और शिक्षा, संस्कृति, खेल और सूचना मामलों की समिति के सदस्य शादा सईद अल नकबी ने कहा कि नया कानून उन नकली प्रमाणपत्रों के उपयोग की प्रवृत्ति को संबोधित करेगा, जिन्होंने हाल के वर्षों में देश में एक स्पाइक देखा था। वहीं अधिकारियों ने पहले बताया था कि यूएई में 2018 में 143 जाली शैक्षणिक प्रमाण पत्र पाए गए थे।

आपको बता दें, फर्जी प्रमाण पत्र का उपयोग करने की घटना हाल ही में देश में बढ़ी है। नए नियमों का उद्देश्य लोगों को सरकारी एजेंसियों और निजी फर्मों में नौकरी पाने के लिए फर्जी डिग्री और शिक्षा प्रमाणपत्र के उपयोग पर रोक लगाना है।